Monday, January 11, 2010

गरम मसालों में खोज ली विद्युत ऊर्जा

सुरम्या की जिज्ञासाओं की उड़ान देखिये। इस लड़की का वैज्ञानिक बनने का सपना है। वह देश को वैकल्पिक ऊर्जा के जरिये ऊर्जा संकट से मुक्ति दिलाना चाहती है। उसने भोजन में प्रयोग होने वाले गरम मसालों में भी विद्युत ऊर्जा खोज ली है। किसी को उसकी इस खोज पर भरोसा नहीं होता। जब वह प्रयोग के जरिये इसे प्रमाणित करती हैं तो लोग इस नन्हीं वैज्ञानिक की प्रतिभा के कायल हो जाते हैं। सुरम्या पाण्डेय गोरखपुर के कार्मल इंटर कालेज में कक्षा आठ की छात्रा है। उसके पिता रवि प्रकाश पाण्डेय रेलवे में टीटी और मां डा.सत्या पाण्डेय एक कालेज में प्राचार्य हैं। मसाले से ऊर्जा की खोज में सुरम्या को कई बार अपनी मां की डांट सुननी पड़ी। उसने जब अपनी मां को मसाले की ऊर्जा से टार्च का छोटा बल्ब जलाकर दिखा दिया तो उन्होंने भी उसका सहयोग करना शुरू कर दिया। सुरम्या ने जागरण कार्यालय में आकर अपना प्रयोग दिखाया और उसकी व्याख्या की। उसने जायफल, सोठ, इलाइची, बड़ी इलायची, तेजपत्ता आदि मसालों को एक बरतन में उबाला। इसी दौरान तांबे के तार का एक सिरा बर्तन में डाल दिया और दूसरा सिरा छोटे चाइनीज टार्च बल्ब में लगा दिया। बल्ब के भीतर के तार जल उठे। इससे रोशनी तो नहीं हुई लेकिन यह प्रमाणित हो गया कि गरम मसालों में भी ऊर्जा का स्रोत मौजूद है। क्या कहते हैं भौतिक विज्ञानी सुरम्या के इस प्रयोग के बारे में दीन दयाल गोरखपुर विश्र्वविद्यालय के भौतिक शास्त्र विभाग में उपाचार्य डा.सुग्रीव कुमार तिवारी का कहना है कि सैद्धान्तिक तौर पर यह प्रयोग सही है लेकिन इसे खोज का दर्जा नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि बिजली उत्पन्न होने में गरम मसालों ही नहीं जल का भारी योगदान है। जल ध्रुवीय तरल है और मसालों में विभिन्न प्रकार के यौगिक होते हैं। दोनों की रासायनिक क्रिया के कारण इलेक्ट्रॉन उत्पन्न होते हैं। जिसके कारण अत्यंत अल्प एम्पीयर की विद्युत धारा उत्पन्न हो जाती है

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