Ghagh Aur Bhaddari Ki Kahawatein(घाघ और भड्डरी की कहावतें )(46 to 48)
४६. मारकर टल जाओ, खाकर लेट जाओ | ४७. खाकर पेशाब करे और फिर बायीं करवट लेट जाये तो वैध के पास जाने की कभी जरूरत नहीं पढेगी | ४८. प्रातः काल खाट पर से उठते ही तुरंत पानी पी लिया करे तो कभी बीमार न होई |
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