Wednesday, November 3, 2010

Ghagh Aur Bhaddari Ki Kahawatein(घाघ और भड्डरी की कहावतें )(46 to 48)

४६. मारकर टल जाओ, खाकर लेट जाओ |
४७. खाकर पेशाब करे और फिर बायीं करवट लेट जाये तो वैध के पास जाने की कभी जरूरत नहीं पढेगी |
४८. प्रातः काल खाट पर से उठते ही तुरंत पानी पी लिया करे तो कभी बीमार न होई |

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