Monday, October 25, 2010

Ghagh Aur Bhaddari Ki Kahawatein(घाघ और भड्डरी की कहावतें )(1 to 5)

१. चुप पंडित और मैली वैश्या अपना घर नष्ट करते हैं |
२. व्यक्ति की लम्बाई से छोटी खटिया उस पर बहुत बढ़ी विप्पति है |
३. नस काटने वाली जूती, बात काटने वाली स्त्री, पहली संतान कन्या, और बाबला भाई --- ये चार बढे दुःख हैं |
४. जो सिर पर बोझा लिए हुए भी गाता है, वो मुर्ख है |
५. जो उधार लेकर क़र्ज़ देता है, जो छप्प्पर के घर में ताला लगाता है और जो साले के साथ बहन को भेजता है, इन तीनो का मुह काला होता है |

No comments: