Monday, October 25, 2010

Ghagh Aur Bhaddari Ki Kahawatein(घाघ और भड्डरी की कहावतें )(6 to 10)

६. आलस्य और नींद किसान का, खांसी चोर का, कीचढ़ वाली आंखें वैश्या का और दासी साधू का नाश करती है |
७. ढोल, गंवार और अंगारा तीनो फूटने से नष्ट हो जाते हैं; मगर ककढ़ी, कपास और अनार फूटने से बन जाते हैं मतलब मूल्यवान हो जाते हैं |
८. भूरे रंग की हथिनी, गंजे सिर वाली स्त्री और पौष माह की वर्षा बहुत शुभ है, ये किसी किसी को नसीब होते हैं |
९. बगुले के बैठने से पेढ़ का नाश हो जाता है,
गोभी के जमने से खेत नष्ट हो जाता है;
मुढिया (वह साधू जो सिर मुढ़ाये रहता है ) जिस घर में आता जाता है वह घर नष्ट हो जाता है ,
राजा लोभी हो तो उसका राज नष्ट हो जाता है |
१०. खेती करना, चिठ्ठी लिखना, विनती करना और घोढे की तांग कसना , अपने ही हाथ से करना चाहिए | अगर लाख आदमी भी साथ हो तब भी स्वयं करना चाहिए |

1 comment:

Bittu said...

Awesome!! thoughts