Saturday, October 30, 2010

Ghagh Aur Bhaddari Ki Kahawatein(घाघ और भड्डरी की कहावतें )(31 to 35)

३१. अहीर की मित्रता और बादल की छाया का भरोसा नहीं करना चाहिए |
३२. चने की खेती, कसाई की जीविका और कन्याओं की बढ़ती, अगर इनसे भी धन न घटे तो अपने से जबरदस्त से झगढ़ा कर लेना चाहिए |
३३. जो आदमी ताल में नहाता और ओस में सोता है, उसे देव नहीं मारते वो खुद ही मर जाता है |
३४. जिस आदमी की छाती पर एक भी बाल न हो उससे सबको सावधान रहना चाहिए |
३५. माँ का गुण पुत्र में आता है और पिता का गुण घोढे में आता है, यदि बहुत न हुआ तो थोढ़ा तो होता ही है |

1 comment:

chantu7 said...

It is 100% correct.